Sunday 4 September 2022

बदायूं की मस्जिद पर ज्ञानवापी जैसा दावा:हिंदू पक्ष ने कहा- महादेव का मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई; कोर्ट ने याचिका स्वीकार की.

बदायूं की मस्जिद पर ज्ञानवापी जैसा दावा:हिंदू पक्ष ने कहा- महादेव का मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई; कोर्ट ने याचिका स्वीकार की.



उत्तर प्रदेश में वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के बाद बदायूं की जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने शुक्रवार को बदायूं सिविल कोर्ट में इसे लेकर याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार भी कर ली है। इस पर सुनवाई 15 सिंतबर को होगी।

कोर्ट ने जामा मस्जिद इंतजामिया समिति, सुन्नी वक्फ बोर्ड, पुरातत्व विभाग, केंद्र सरकार, यूपी सरकार, बदायूं जिला मजिस्ट्रेट और प्रमुख सचिव को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। इस मामले में मुस्लिम पक्ष के वकील का कहना है कि हिंदू पक्ष के पास याचिका के समर्थन में कोई सबूत नहीं हैं।

हिंदू पक्ष का दावा- नीलकंठ महादेव मंदिर को ध्वस्त करके मस्जिद बनाई
याचिकाकर्ता और अखिल भारतीय हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल से दैनिक भास्कर से बात की। उन्होंमें दावा किया, "बदायूं की जामा मस्जिद परिसर हिंदू राजा महीपाल का किला था। मस्जिद की मौजूदा संरचना नीलकंठ महादेव के प्राचीन मंदिर को ध्वस्त करके बनाई गई है। साल 1175 में पाल वंशीय राजपूत राजा अजयपाल ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। मुगल शासक शमसुद्दीन अल्तमश ने इसे ध्वस्त करके जामिया मस्जिद बना दिया। यहां पहले नीलकंठ महादेव का मंदिर था।"

हिंदू पक्ष के वकील बोले- गवर्नमेंट गजेटियर में इसके सबूत
हिंदू पक्ष के वकील वेद प्रकाश साहू ने बताया, "गवर्नमेंट का गजेटियर साल 1986 में प्रकाशित हुआ था। इसमें अल्तमश ने मंदिर की प्रकृति बदलने का जिक्र किया है।" याचिका में पहल पक्षकार भगवान नीलकंठ महादेव को बनाया गया है। साथ ही दावा करने वालों में मुकेश पटेल, वकील अरविंद परमार, ज्ञान प्रकाश, डॉ. अनुराग शर्मा और उमेश चंद्र शर्मा शामिल हैं।



मुस्लिम पक्ष ने कहा- मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है
इंतजामिया कमेटी के सदस्य असरार अहमद मुस्लिम पक्ष के वकील हैं। उन्होंने कहा, "जामा मस्जिद शम्सी लगभग 840 साल पुरानी है। मस्जिद का निर्माण शमसुद्दीन अल्तमश ने करवाया था। कोई भी ऐसा गजेटियर नहीं है, जिसमें यह मेंशन हो कि यहां मंदिर था। यह मुस्लिम पक्ष की इबादतगाह है। यहां मंदिर का कोई अस्तित्व नहीं है। उन लोगों ने भी मंदिर के अस्तित्व का कोई कागज दाखिल नहीं किया है।"

No comments:

Post a Comment

Thanks for your response

NHM Nandurbar Recruitment 2024 of 142 Medical Officer Posts: Apply Now

NHM Nandurbar Recruitment  All the information and eligibility requirements for the  142 Posts  in  Medical Officer & Various  Vacancies...