Tuesday, 19 April 2022

जंग - ए- बद्र और आज का मुसलमान

 जंग - ए- बद्र और आज का मुसलमान



सोचिए जंग ए बद्र मे मुसलमानो के पास सिर्फ 313 अफराद, 70 ऊँट, 3 घोड़े, 8 तलवारें और 6 जिर्राह थी.

जब कि लश्कर-ए-कुफ्र के पास 1000 अफराद, 700 ऊँट, 100 घोड़े, 950 तलवारें और 950 जिर्राह थी.


एक नजर जंग - ए- बद्र पर डाले और अपने वज़ूद पर गौर व फ़िक्र करे कि आज हमारे पास किस चीज की कमी है? हम कहा कमज़ोर है?


1) कुफ्र के लश्कर मे खाने-पीने का सामान बड़ी कसरत से था रोज़ाना 11 ऊँट ज़िब्ह करते थे. जबकि इस्लामी लश्कर मे जादे राह ( समाने सफर) की हालत ये थी कि किसी के पास 7 तो किसी के पास 2 खजूरे थी.


आज हमारे पास क्या नहीं है? बताइए!


महीने भर का राशन भरा रहता है और पैसे एक्स्ट्रा रखे हुए होते  है फिर भी हर जगह बेबस है.


क्यु? क्युकी मुसलमान दीन से भटक रहा है अल्लाह पर से तवक्कुल हट रहा है, 2 कौड़ी की चमचागीरी मे लगा है, अपना ईमान बेच रहा है.


2) कुफ्र के लश्कर मे ऐश व इशरत का सामान भी काफी तादाद मे था यहा तक कि किसी पानी किनारे पड़ाव करते तो खेमे लगते और उनके साथ नाचने, गाने वाली तवायफे भी थी.


जब कि मुसलमानो के पास एक खेमा भी नहीं था सहाबा किराम ने खजूर के पत्तो और टहनियों से एक झोंपड़ी तैय्यार कर के हुजूर नबी ए करीम (स. अ) को उसमे ठहराया, आज उस जगह मस्जिद बनी हुयी है.


नतीज़ा :


कुफ्फार के लश्कर मे से 70 आदमी कत्ल हुए जिनमे अबु जहल भी था, 70 आदमी क़ैद हुए और इस्लामी लश्कर मे 14 शहीद हुए और फतह मिलीं.

ये उम्मत ए मुस्लिमा अपने आमाल दुरस्त कर और आने वाले वक्त  के लिए अपनी नस्लों को तैय्यार कर.


अपने घर की औरतों की हिफाजत करने की फिक्र के साथ साथ घर की औरतों को दीनी किताबे पढ़ने को कहिये, इस काबिल बनाए की वो इस्लाम को समझे और अपनी औलाद को फ़ौलादी बनाए.


टीप : अल्लाह की मदद घर मे बैठे रहने से नहीं आयेगी बल्कि वो तो तब आयेगी जब मुसलमान मैदान मे जाएगे.

जिहाद फ़ी सबिलिल्हा

No comments:

Post a Comment

Thanks for your response

NHM Nandurbar Recruitment 2024 of 142 Medical Officer Posts: Apply Now

NHM Nandurbar Recruitment  All the information and eligibility requirements for the  142 Posts  in  Medical Officer & Various  Vacancies...