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Wednesday 23 March 2022

ओमीक्रोन और डेल्टा से मिलकर बने नए वायरस के मरीज दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में मिले, जानिए क्या इससे देश की बढ़ेगी चिंता

ओमीक्रोन और डेल्टा से मिलकर बने नए वायरस के मरीज दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में मिले, जानिए क्या इससे देश की बढ़ेगी चिंता.



भारत के COVID जीनोमिक्स कंसोर्सियम (INSACOG) और GSAID ने इशारा किया है कि ओमीक्रोन और डेल्टा का रिकॉम्बिनेंट वायरस 568 मामले जांच के दायरे में हैं

देश में कोरोना वायरस के मामलों में कमी से लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है। लेकिन इस बीच भारत में कोरोना वायरस का डेल्टा (delta) और ओमीक्रोन (Omicron) का रिकॉम्बिनेंट वायरस (मिलेजुले वायरस - recombinant virus) के सबूत मिले हैं। तेलंगाना टुडे रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के COVID जीनोमिक्स कंसोर्सियम (INSACOG) और GSAID ने इशारा किया है कि 568 मामले जांच के दायरे में हैं। तेलंगाना में डेल्टाक्रॉन के 25 मामले सामने आए हैं।

वहीं कर्नाटक में 221 मामले सामने आए हैं, जो कि हॉटस्पॉट बन गया है। इसके बाद तमिलनाडु में 90, महाराष्ट्र में 66, गुजरात में 33, पश्चिम बंगाल में 32 और नई दिल्ली, तेलंगाना में 20 मामले सामने आए हैं।
इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 568 मामलों में से डेल्टा और ओमीक्रोन दोनों प्रकार के recombinant (मिले जुले) वायरस मिलने के संकेत मिले हैं। इसका मतलब ये हुआ कि डेल्टा और ओमीक्रोन दोनों जेनेटिक शामिल हैं।
इस महीने के शुरुआत में डेल्टा और ओमीक्रोन से मिलकर बने वायरस के बारे में पता चला। यह कोरोना वायरस का एक हाइब्रिड वेरिएंट है जो डेल्टा और ओमीक्रोन वेरिएंट से मिलकर बनता है। फ्रांस के मार्सिले में आईएचयू मेडिटेर्रानी इंफेक्शन (IHU Mediterranee Infection) के फिलिप कोलसन (Philippe Colson) ने एक शोध में कहा है कि कोरोना वायरस के जेनेटिक तब मिलते हैं जब दो वेरिएंट एक ही सेल को संक्रमित करते हैं। अब तक अमेरिका और यूरोप में इस तरह के मिलेजुले वायरस के 17 मामले सामने आ चुके हैं। अभी मामले बहुत कम आए हैं। ऐसे में यह बहुत तेजी से फैलता है या गंभीर है। इस बारे में अभी अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।


रिकॉम्बिनेंट वायरस पर WHO ने क्या कहा

WHO ने कहा था कि ओमीक्रोन और डेल्टा का रिकॉम्बिनेंट वायरस फैल रहा है। WHO की साइंटिस्ट मारिया वान करखोव ने कहा कि SARSCov2 के ओमीक्रोन और डेल्टा वेरिएंट के मिलकर फैलने की आशंका है। इनका सर्कुलेशन तेजी से हो सकता है। उन्होंने ये भी कहा था कि इसको ट्रैक कर रहे हैं और इस पर बातचीत भी हो रही है। WHO ने यह भी आश्वासन दिया कि इसकी गंभीरता और फैलने की क्षमता को समझने के लिए कई स्टडी चल रही हैं।

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