ओवैसी बोले – बिहार में चोर दरवाजे से लागू किया जा रहा एनआरसी कानून.
भारतीय राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) कानून को लेकर देश में पहले ही काफी विरोध हो चूका है। ऐसे में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को दावा किया कि बिहार में चोरी-छिपे एनआरसी लागू किया जा रहा है।
किशनगंज के जिला दंडाधिकारी कार्यालय का एक पत्र शेयर कर ओवैसी ने कहा कि “बिहार सरकार चोर-दरवाज़े से बिहार में NRC लागू कर रही है। अधिकारी आम लोगों से कह रहे हैं कि वो आस-पास रहने वाले ‘विदेशी नागरिक’ और “अवैध प्रवासियो” की सूचना नज़दीकी पुलिस स्टेशन को दें। असम में भी ऐसे ही क़ानूनी कार्रवाई का दुरूपयोग बड़े पैमाने पर हुए हैं।”
उन्होने दूसरे ट्वीट में लिखा, “कई बा-इज़्ज़त भारतीयों पर झूठे मुक़दमे दर्ज किए जा चुके हैं जिससे लोगों को बहुत ही ज़्यादा मुश्किलात का सामना करना पड़ा है। संघ परिवार के लोग कई सालों से इस झूठ को फैला रहे हैं कि सीमांचल के ग़य्यूर अवाम घुसपैठिए हैं, इस बात में ज़रा भी सच्चाई नहीं है।”
ओवैसी ने ये भी लिखा, “फिर भी इस झूठ की बुनियाद पर कई तंज़ीमें एक मंसूबा-बंद तरीक़े से बिहारियों और ख़ास कर सीमांचल के लोगों की शहरियत को निशाना बनाएंगे। नीतीश कुमार ने चुनाव के दौरान कहा था कि “कोई किसी को देश के बाहर नहीं करेगा, सब भारत के हैं” तो फिर चोर-दरवाज़े वाला NRC क्यों लागू किया जा रहा है।”
उन्होंने आगे लिखा, “याद रखिये! ऐसी नीति सिर्फ और सिर्फ समाज में मतभेद, शक और दुश्मनी फैलाने की वजह बनेगी। समाज में अमन को मज़बूत करने के बजाय सरकार उसे कमज़ोर करने में लगी है।”
बता दें कि बिहार सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है जिसमें उसने जनता से संदिग्ध ‘अवैध प्रवासियों’ की रिपोर्ट निकटतम पुलिस स्टेशन में करने को कहा है। यह आदेश हाल ही में पटना उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को एक अलग डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए कहने के बाद जारी किया गया है।
हाईकोर्ट ने ने तीन बांग्लादेशी महिलाओं के निर्वासन से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि जेल के अंदर डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जा सकता है और सरकार को जल्द ही एक अलग डिटेंशन सेंटर स्थापित करने पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
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